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Wednesday 10 May 2017

विज्ञानिओ ढूंढ लिया की :क्यों बुध अँधेरे वाला ग्रह है ?

नया अध्ययन यह दिखा रहा है की बुध की मूल परत में मौजूद कार्बन की बजह से बुध पर अँधेरा दीखता है। MESSENGER मिशन से मिला डेटा इसका समर्थन करता है। 


मेसेंजर(messenger) मिशन

                                                                                    

                                    आप यह सुनकर हैरान होंगे की सूर्य के निकट ग्रह की बेहद अँधेरी सतह है। बहुत लम्बे समय से बुध पे सूर्य की रौशनी की कमी ने विज्ञानीयो को चकरा दिया था। बुध ग्रह की सतह लौहे (IRON -RICH) की समृद्ध सामग्री की नहीं बनी है ,  जिसे अँधेरा करने वाला एक "डार्कनिंग एजेंट " कहा  जाता है  !! ,,  तो बुध गृह को क्या बहुत अँधेरे वाला बनाता है ???



बुध गृह की सतह की तस्वीर जो की मेसेंजर(messenger) मिशन ने ली थी 

                                                       "जोहन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय  (JOHN HOPKINS UNIVERSITY)"  के नए अध्ययन का दावा है की "कार्बन(CARBON)" बुध ग्रह के अंधेरेपन के लिए जिम्मेदार है , जो की बुध गृह की प्राचीन उत्त्पत्ति के समय से मौजूद है। 




 पेट्रिक पेप्लोस्की (patrick peplowski)

                                                                   पेट्रिक पेप्लोस्की (patrick peplowski) जो की  ,"जोहन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय  (JOHN HOPKINS UNIVERSITY)" में एप्लाइड फिजिक्स  विभाग  में है और उनकी टीम ने  बुध ग्रह पर कार्बन के संचय (accumulation)  का  अध्ययन करने  के लिये MESSENGER मिशन  के डेटा का इस्तेमाल किया था और  अध्ययनों के पहले विज्ञानिओ ने प्रस्तावित किया था की : कार्बन सौर्य मंडल में आनेवाले धूमकेतु(comet) से आया था। 


मूल प्राचीन भूपटल (crust) : -

बुध ग्रह की सतह 

                                                                 जब बुध अपनी प्रारंभिक अवस्थामे था।, तो ग्रह के अधिकांश भाग में पिग्ले  हुए  मैग्मा का महासागर शामिल था। विज्ञानिओ का मानना है की , जैसे इस मेग्मा को ठंडा किया जाता है  तो , मिनरल्स  सख्त होकर  डूब जाते। और ग्रेफाइट का मूल प्राचीन भूपटल  बना होगा।  
बुध ग्रह की सतह 
                                                                  सतह पर प्रचुर मात्रा में कार्बन की खोज से पता चलता है की  बुध की मूल प्राचीन सतह , ज्वालामुखीय चट्टानों में  मिल गयी होगी और वो  उत्सर्ग(ejecta)  को  प्रभावित  करके  आज हम जिस सतह को देखते है उसे बनाती  है। और यह परिणाम मेसेंजर  मिशन की अभूतपूर्व सफलता को  दिखाता  है। 

                                                                                       
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