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Saturday 6 May 2017

बायोडिग्रेडेबल इलेक्ट्रॉनिक्स के युग में आपका स्वागत है::!::_-+^ ~

शोधकर्ताओ ने  सिर्फ  बहोत हलके  पहनने योग्य तकनीक को विकसित किया  है जो की विनेगर(vinegar) में  घुल-मिल जायेगा।  

                                                                   

                                                                          

                                                स्टैफोर्ड यूनिवर्सिटी (stanford university) " के शोधकर्ताओंने एक पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक  उपकरण  बनाया  है , जो पूरी तरह से   विनेगर(vinegar) में  घुल-मिल जायेगा  या  विनेगर में विघटित हो जायेगा। इस युग में जहा  अविश्वसनीय नए इलेक्ट्रॉनिक  उपकरण  हर समय प्रतीत होते है , और  छोड़े गए उपकरणों से  हर साल लाखो  टन इलेक्ट्रॉनिक कचरे की बढ़ोतरीती  होती है , जिसकी बजह से  शोधकर्ताओं  यह शोध का दबाव महसूस हुआ था।

डॉ.ज़हेनन बाओ(Zhenan Bao) , बायोडिग्रेडेबल इलेक्ट्रॉनिक्स मटीरियल के शंशोधक 



                                                           और  जब हम किसी पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को छोड़ देते हे या कबाड़ में  डाल देते है तब  उन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में  समाविष्ट आपकी जानकारी गोपनीयता पे बहोत ही बड़े प्रश्न खड़े करती है , पर अब इस शोध की मदद से यह  समस्या  का भी निराकरण आ  गया है।, क्योकि आपका पुराना उपकरण  जब फिनोल में विघटित या  घुल मिल जायेगा तो इस समस्या का भी निराकरण आ जायेगा। 


 "

                                                                                         
                                                                                      विघटनकारी पॉलीमर में से बनाये गए उपकरण अबतक के सबसे पतले , सबसे हलके उपकरणों में से एक है। 






                                          शोधकर्ताओंने टैटू की स्याही से निकाले गए अणु का उपयोग  करके बायोडिग्रेडेबल सेमीकंडक्टर(biodegradable semiconductor)  को संश्लेषित(synthesized)  किया और  फाइबर  को पतली फिल्म में बुनाई(weaving)  करके आधार को तैयार किया गया था , और उस संरचना(structure)  मे इलेक्ट्रॉनिक्स को  अंतःस्थापित(embedding) किया जाता है , और जब इसे विनेगर में या फिर किसी भी काम एसिडिक प्रवाही में रखा जाये तो , वह चीज (इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ) को 30 दिनों  के भीतर ही पिघला देता है। 



                                                                                        आखिरकार , यह तकनीक सवेदनशील(sensitive) डिजिटल जानकारी संग्रहित करने के लिए आदर्श होगी जो कि जल्दी और आसानी से नस्ट हो सके और गोपनीय(private)  रखी जा सके। यह टेक्नोलॉजी बायोलॉजिकल  सेन्सर्स(sensors) के लिए एक दम सही है और इसका उपयोग प्रत्यारोपण(implantable) चिकित्सा उपकरणों(medical device)  में भी किया जा सकता है।  संशोधनकर्ताओ ने  उपकरण का परीक्षण चूहों  में  ह्र्दय पेशी की कोशिकाओं के नजदीक किया था , और वे मर नहीं गए । हालाँकि यह उपकरण अभीभी मनुष्यो में उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं है , इसलिए शायद इसका उपयोग अभी थोड़ी दूर है। 



              
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