SUBSCRIBE US ON YOUTUBE

facebook header

Showing posts with label magnetotactic bacteria. Show all posts
Showing posts with label magnetotactic bacteria. Show all posts

Monday, 6 March 2017

मैगनेटीक बैक्टीरिया : " मैगनेटो टेक्टिक {Magneto Tactic} "

जिवसृष्टि में सुक्ष्म सजीवों को बैक्टीरिया कहा जाता  है। बैक्टीरिया भी असंख्य प्रकार के होते हे , लोगो को उनसे डर लगता हे क्योंकि उनसे बीमारियाँ  फैलती है। पर सच तो यह हे की बहोत सारे बैक्टीरिया से कोई बीमारियॉ नही फैलती ,बल्कि उनसे हमारे शरीर को फायदा होता है। 

बैक्टीरिया 

                                                                              पर हम वो नही जानते हे की बैक्टीरिया मैगनेटीक  भी होते हे। यानीकि उनमे चुम्बकत्व का गुण होता है। और कई तो खुद ही मैगनेट होते है। हम जानते हे की बहोत सारे पदार्थो  में चुम्बकत्व का  गुण  होता है। हमारी पृथ्वी भी एक विराट चुम्बक है , जिसका एक सिरा उत्तर ध्रुव और दूसरा सिरा दक्षिण ध्रुव है ऐसी कल्पना की जाती है। बुनियादी तौर पे परमाणु और अणु में चुम्बकत्व का गुण होता  है। 


'' मैगनेटीक  बैक्टीरिया '' को  N -ऊत्तर  और S -दक्षिण ध्रुव  और " मैगनेटो सोम्स "के साथ देखा जा सकता है।  

                                                                               पर '' मैगनेटीक  बैक्टीरिया '' वो एक  नई बात है। ई  1963  में यूनिवर्सिटी ऑफ़ पाविया के विज्ञानी "बेलिनी" ने  एक " उथले (shallow)(છીછરું) "   तालाब और " जलोढ़ पानी (Alluvial Water)(કામ્પવાળું પાણી)"  की एक बून्द को माइक्रोस्कोप में देख रहे थे तब उन्होंने देखा की बैक्टीरिया एक ही दिशा में तैर रहे थे और स्लाइड(slide)  की  एक ही तरफ  ईकठ्ठा हो रहे थे  लेकिन , यह अवलोकन प्रचलित नही हुआ था । आगे जाके 1982 में ''रिचार्ड ब्लैकमोरे '' ने मैगनेटिक बैक्टीरिया की फिर से खोज की थी। मैगनेटिक बेक्टेरिया के जूथ विषम वंशी जूथ है ,जिसमे  अलग-अलग आकार में  ग्राम नेगेटिव  बक्टेरिया  पानिमे  देखने को मिले थे। उदाहरण के तौर पर ''मैगनेटोस्पाईरिलम  मैग्नेटाटेक्टिकम'' कम हवा के पर्यावरण में या फिर हवा मौजूद न हो वैसे कांप या जलाशय में पाये जाते है। वह ऊपर निचे गति करते है। जिसकी वजह से वह अधिकतम ऑक्सीजन की सांद्रता हो उस लेवल(LEVEL) पर पहूंचते है। और यह गति विधि पृथ्वी के चुम्बकीयक्षेत्र  के  कारण होती है। यह घटना को " मैगनेटोटेक्सिस '' कहते है।      

" मैगनेटो टेक्टिक {Magneto Tactic} " की संरचना को इमेज में दिखाया गया है। 


                                                                                        मैगनेटोटेक्सिस बैक्टीरिया के मैगनेटिक गुण मैगनेटिक स्फटिक के कारण होता है। और उन स्फटिक को " मैगनेटो सोम्स " कहते है। बैक्टीरिया के अलावा यह मैगनेटिक स्फटिक  प्राणीओ  में  भी  पाए जाते हे , जैसेकि  ... पक्षी , टूना नामक मछली , डॉल्फिन , हरे कूर्म में भी देखा गया है। सम्भवतः उन सब प्राणिओ में  मैगनेटिक स्फटिक दिशा सूचन के लिए होंगे। 

" मैगनेटो टेक्टिक {Magneto Tactic} " बैक्टीरिया  पे पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण और ऑक्सीजन की सांद्रता कैसे प्रभाव करते  है वह दिखाया गया है। 

                                                                                 मैगनेटो टेक्टिक बैक्टीरिया संपुर्ण सजीव को या फिर उसके शुद्ध किये हुए मैगनेटिक स्फटिक को विज्ञानीक , व्यापारी या फिर अन्य उपयोग में  लिया जाता है। टेक्टिक बैक्टीरिया संपुर्ण सजीव को चुम्बकीय ध्रुवो का स्थान तय करने के लिये  और बारीक़   दानेदार  चुम्बकीय कणो को उल्कापिंडों को  ढूंढने  के लिये  उपयोग में लिया जाता है। यह बैक्टीरिया हमेशा ऑक्सीजन की सांद्रता कम होती हे वहा मिलते है। इसलिए , उनका उपयोग हेवी मेटल और रेडियोऐक्टिव पदार्थो को  अपशिष्ट जल(WAST WATER) मैसे अलग करने के लिए भी किया जाता है। और भी बहोत सारी जगहों पे यह बैक्टीरिया का उपयोग किया जाता है। 
----------------------------------------------------------------------------->>>>>>>>>>

विश्व के सबसे बड़े पक्षी की पंखोंका फैलाव 24 फुट था !!

पेलागोर्निस सान्द्रेसी नामक उस पक्षी का वजन 80 kg  भी ज्यादा था !! पेलागोर्निस सान्द्रेसी                                       ...