डायनासोर के युग के अंत के लिए कहा जाता है की एक बहुत बड़ा एस्टेरोइड धरती से टकराया था। जिससे पैदा हुआ विस्फोट ने धरती पे जानवरोका वजूद ख़त्म कर दिया था। लेकिन इस विस्फोट की टाइमिंग को लेकर बीबीसी न्यूज़ ने बड़ा खुलासा किआ है की जिस एस्टेरोइड ने डायनासोर का अंत किआ था , अगर वह धरती से 30 सेकंड जल्दी या 30 सेकंड देर बाद टकराता तो उसका असर धरती पे इतना कम होता की डायनासोर ख़त्म नहीं होते।
ऐसा इसलिए क्योकि ३० सेकंड की देरी या जल्दी गिरने की स्थिति में वह जमीन की बजाय समुन्द्र में गिरता। यह एस्टेरोइड 6.6 करोड़ साल पहले मेक्सिको के Yucatan प्रायद्वीप से टकराया था जिससे वह 111 मिल चौड़ा और 20 मिल गहरा गड्डा बन गया था। गड्डे की जाँच की तो वहा की चट्टान में सल्फर कंपाउंड पाया गया था। एस्टेरोइड की टक्कर से यह चट्टान वास्प में बदल गयी थी जिसने हवा में धूल का बादल बना दिया था। इसके परिणाम स्वरूप धरती नाटकीय रूप से ठंडी हो गयी थी। और पुरे एक दशक तक ऐसी स्थिति में रही। और उन हालत में अधिकतर जीवो की मौत हो गयी थी।
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मेक्सिको के Yucatan प्रायद्वीप |
और अनुमान के मुताबिक 9 मिल के आकर और 40 हजार मिल प्रति घंटे की रफ्तार वाला यह विनाशक एस्टेरोइड कुछ सेकन्ड जल्दी या देर से गिरा होता तो वह जमीन की बजाय अटलांटिक या प्रशांत महासागर के गहरे पानी में गिरता और यदि ऐसा होता तो समुद्र का पानी भाप बनकर उड़ गया होता , और इसके फल स्वरुप डायनासोरो को कम नुकसान पहुँचता।
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यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सास में जिओफिसिक्स के प्रोफेसर सिन गुलिक ने प्रोफेसर जोआन मॉर्गन |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सास में जिओफिसिक्स के प्रोफेसर सिन गुलिक ने प्रोफेसर जोआन मॉर्गन के साथ मिलकर उस जगह की ड्रिलिंग का काम आयोजित किआ था , जहा वह एस्टेरोइड टकराया था। वह कहते है की " वह बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण जगह पे गिरा था " प्रो फेसर ने बताया की 100 बिलियन टन सल्फेट वातावरण में फैल गया। और यह धरती को ठंडा कने और जीवन को काफी हद तक ख़त्म करने के लिए काफी था।