हैलोसिनोजेन : ये आप को डर ने के लिए मजबूर करेगा !! , क्योकि अगर अपने "बैटमैन बिगिन्स" मूवी देखीहोंगी तो आपको पता होगा की उस मूवी का विलन कैसे सबकोबहोत डरा देता है सिर्फ कोई केमिकल(हैलोसिनोजेन) छिड़क के और मास्क पहन के !
उस मूवी में जो केमिकल वो विलेन छिड़कता हे , वह केमिकल असलियत में एक हैलोसिनोजेन हो सकता है , क्योकि हैलोसिनोजेन एक मनोविज्ञानिक एजेंट है जो → मतिभ्रम , अवधारणात्मक विसंगतियो , विचारो , चेतना और भावनाओ में परिवर्तन का कारण बन सकता है। इस बजह से आप पे अगर कोई हैलोसिनोजेन छिड़क दे तो आप का दिमाग भ्रमित होने लगेगा , यानि के उदाहरण के तौर पे अगर कोई रस्सी का टुकड़ा भी आपके सामने पड़ा होगा तो वह आपको साप नजर आने लगेगा और आप शायद ठीक से न चल पाए और सामान्य सी चीजो से भी आपको डर लगने लगेगा , कभी- कभार यह डर इतना ज्यादा बढ़ जाता है की , डर की बजह से इन्सान की मौत तक हो सकती है।
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एक आम ब्रेड जो फोटोमे दाहिनी (LEFT SIDE) तरफ दिख रहा है वो सामान्य नजरिये में दीखता है , और जो RIGHT HAND पे ब्रेड दिख रहा हे वो जब कोई हैलोसिनोजेन लेता है तब वैसा दीखता है। |
1946 में सर थॉमस ब्राउन ने हैलोसिनोजेन शब्द को पहली बार ढूंढा था , उन्होंने यह शब्द लेटिन के शब्द ALUCINARI से लिया था , जिसका मतलब "मस्तिष्क में गुमना" होता है।
हैलोसिनोजेन का प्रयोग अमेरिकी नागरिको पर किआ गया था और सबसे डरावनी बात तो यह है , की यह CIA के एक गुप्त मिशनों में से एक था। दरसल इस मिशन में ऐसा था की अमरीकी सरकार आम नागरिको और सेना के जवानों पर हैलोसिनोजेन के नशे की लत के प्रभाव का परीक्षण कर रही थी।
अमरीका का गुप्त विभाग"सेन्ट्रल इन्टेलिजन्स एजेंसी" जोकि CIA के नाम से जाना जाता है , उसके अवश्य पढ़ी जाने वाली सुविधाओ में गुप्त अभियानों पर नई अवर्गीकृत (UNCLASSIFIED) सामग्री है जिसमे , 1953 से 1964 तक गुप्त तौर पे चलाया गया MK-ULTRA मिशन भी है , जिसका SF WEEKLY ने अनैतिक तौर से CIA द्वारा किए गए दवा परीक्षणों का पूरी तरह पर्दाफाश किआ था। CIA के परीक्षणों का भयानक मंजर शुरू हुआ था इस मिशन MK-ULTRA में , 1953 से लेकर 1964 तक CIA ने हैलोसिनोजेन का अवैध और अनियंत्रित रूप से लोगो पर परीक्षण शुरू किआ था जिसमे उन्हों ने लोगो को समुद्र तट पर , शहरो में और नजाने कई रेस्टोरंट में अनजाने में नशा दिया था और फिर बिना कोई हस्तक्षेप किए उनका पीछा किआ था , और के बार तो वे हैलोसिनोजेन का इस्तेमाल गुनहगारों की पूछताछ के लिए भी करते थे , लैकिन यह सफल नहीं हो सका क्यों की उनकी यह प्रक्रियाओ को असंगत ढंग से आयोजित किआ गया था , जिसकी बजह से वे उपयोगी माहिती या डेटा को प्राप्त करने में असफल रहे थे।
अमरीका को LSD(हैलोसिनोजेन) का यह परीक्षण करना पड़ा था क्योकि उस वक्त अमरीका का मानना था की कम्युनिस्ट रूस या रशिया , उत्तर कोरिया और चीन दवाओं का उपयोग अमरीकन लोगो का ब्रेन वॉश (BRAIN WASH) करने के लिए किआ था। इस बजह से अमरीका का CIA इस संभवित और उपयोगी (नागरिको का ब्रेनवॉश करने में) तकनीक का विकास और उन्हें जवाब देने के मामले में पीछे हटना नहीं चाहता था।
और इन परीक्षणों में नैतिक नियंत्रण की भी कमी थी जो की एक बहुत ही भयानक बात थी। SF WEEKLY के ट्रॉय हूपर ने MK-ULTRA मिशन के कुछ आखरी जिन्दा बचे लोगो का क्या हुआ था उसके बारे में वर्णन किआ है :
" यह 50 वर्ष से अधिक हे लेकिन वेंन रिची का कहना है , की वह आज भी याद करते है की उनको कैसे हेल्युसिनोजेनिक एसिड का डोज़ (DOSE) दिया गया था।
वे 1957 की बात थी जब वे दूसरे फेडरल ऑफिसर्स के साथ छुट्टियो की पार्टी में वे U.S के पोस्ट ऑफिस के बिल्डिंग के सातवे माले पे पीने की सोडा और बोरबोर्न ले रहे थे , और वे कुछ चुटकुले और कहानियो को कह रहे थे तभी अचानक उनका कमरा जैसे चकराने लगा या पूरा कमर जैसे उनके आसपास गुमने लगा था , और क्रिसमस के पेड़ पर लगी लाल और हरी रौशनी बेतहाशा चमकने लगती है। और रिची के शरीर का तापमान बढ़ गया था। उनके चारो तरफ बुलंद रंगों का चक्राव उन्होंने अवलोकित किआ। फिर वे कार्यालय में ऊपर की और चले गए और फिर उन्हों ने बैठकर एक गिलास पानी पिया। "
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