MIT के शंशोधन कर्ताओ ने एक नए पहनने योग्य सेन्सर का विकास किया है , जिससे जहरीले गेस का पता लगाता है और वह मोबाइल या अन्य वायरलेस उपकरण के जरिये उपयोगकर्ता से बात करके खतरे के बारे में सूचित करता है। उनके शंशोधन को " जर्नल ऑफ़ ध अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (JOURNAL OF THE AMERICAN CHEMICAL SOCIETY) " में प्रकाशित किया गया है।
पेपर के जैसा हल्का : -
आदर्शरूप से , सेंसरों को क्रेडिटकार्ड से भी अल्ट्रा-लाइटवेइट (ULTRA LIGHTWEIGHT )-बहोत ही हल्का होने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आखिरकार , तकनीक(सेन्सर) को भी पहना जा सकता है।
MIT के रसायनविज्ञान के प्रोफेसर टिमोथी स्वेगर (TIMOTHY SWAGER) |
MIT ( के रसायनविज्ञान के प्रोफेसर टिमोथी स्वेगर (TIMOTHY SWAGER) , ने इस बारे में कहा है की " सैनिको के पास जहरीले गेसो का पता लगाने के लिए पहनने योग्य सेन्सर नही है , वे भिन्न डिटेक्टरों का उपयोग करते है , लेकिन वे ऐसी चीज नही हे जिसे आप कहि भी लेजा सकते है , हमारा यह सेन्सर एक कागज के टुकड़े से भी कम वजन का है। "
सेन्सर में एक कार्बननैनोट्यूब के साथ लगया हुआ सर्किट है। विधुत तार के विपरीत , जिनके साथ आप अधिक परिचित है यहाँ कार्बन नैनोट्यूब को पॉलीमर से विधुत-अवरोधी(INSULATED) किया गया है , न की प्लास्टिक से । पॉलीमर जहरीले गेसो की शुरुवात में ही टूट जाता है , जैसे की सरीन गैस (SARIN GAS) ; इंसुलेशन (INSULATION) या विधुत-अवरोधी की हानि नैनोट्यूब को वाहक(CONDUCTIVE) बनाता है , जो की " नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC)" सक्षम उपकरण पर सन्देश भेजता है। " नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC)" बिना कोई इंटरनेट डेटा के बिना छोटीसी दुरी पर डेटा संचालन करने की अनुमति देता है। सेन्सर के लिए केवल 5 सेन्ट्स (5 CENTS) की लागत होती है , और लगभग उनमेंसे 4 मिलियन तो सिर्फ 1 ग्राम कार्बन नैनोट्यूब्स से बनाए जा सकती है।
--------------------
No comments:
Post a Comment