भारत का गुम चंद्रयान अभीभी चंद्र की कक्षा में भ्र्मण कर रहा है : NASA ने ढूंढ लिया अगस्त-2009 में चंद्रयान के साथ इसरो का आखरी संपर्क हुआ था।
नासा के विज्ञानिको ने चंद्र की कक्षा में भ्र्मण करने वाले भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-1 को ढूंढ लिया है। 2008 में भारतने चंद्र पर भेजा हुआ चंद्रयान-1 के साथ आखरी सम्पर्क अगस्त-2009 में हुआ था। 22-ओक्टबर 2008 दिन लॉन्च किये हुए चंद्रयान को 2 साल तक काम करना था ,लेकिन 312 दिन के बाद अचानक अगस्त-2009 में उसके साथ संपर्क टूट गया था। उसके बाद कभीभी चंद्रयान-1 का संपर्क नही हुआ है। उसकी संपर्क प्रणाली आज भी काम नही करती है। NASA ने रेडार के द्वारा उसकी हाजिर होने की पुष्टि की है।
चंद्रयान-1 |
interplanetary radar |
"JPL-जेट प्रपल्शन लेबोरेटरी" के रडार के विज्ञानी मरीना ब्राजोविक ने कहा था की "रडार के द्वारा दूसरे ग्रह पर कोई पदार्थ को ढूंढना बहुत ही मुश्किल है। उसमेभी लुनार रिकॉनिसन्स ऑर्बिटर(LRO) तो अभी थोड़ा बड़ा है लेकिन , चंद्रयान-1 का कद बहुत ही छोटा है , तो उसे ढूँढना मुश्किल हो गया था। इस को ढूंढने के लिये पृथ्वी पर से रेडार किरणों को भेजा गया था। वह किरणों को रास्तेमें कोई पदार्थ मिलता था तो उसकी माहिती "JPL-जेट प्रपल्शन लेबोरेटरी" को मिलती थी , उस दौरान ही चंद्रयान-1 की हाजिर होने की माहिती मिल गयी थी।"
इस वक्त चंद्रयान-1 चंद्र की सतह से 200 किलोमीटर ऊंचाई पर चक्कर काट रहा है या गुम रहा है। और हर 2 गंटे और 8 मिनट पर चंद्र की एक परिक्रमा पूर्ण करता है।
चंद्रयान-1 अधूरे समय पर ही बिगड़ गया था , लेकिन फिर भी उसकी गिनती सफल मिशन्स में होती है।, क्यों की चंद्रयान-1 ही पहला असा मिशन था जिसने चाँद पे पानी होने का ठोस सबूत दिया था।
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