इंसान जीभ की मदद से अलग अलग भाषाए बोल सकता है। इंसान के लिए जीभ एक बहुत ही महत्व का अंग होता है हर कोई सस्तन , पेट से सरकने वाले प्राणी को जीभ होती है। आज में आप को जीभ के बारे में बताऊंगा कुछ फैक्ट्स :
![]() |
जीभ |
- हमारे पुरे शरीर में सिर्फ जीभ ही एक एसा स्नायु जिसका एक सिर हमारे शरीर से जुड़ा हुआ है और सिरा खुला है , मतलब की शरीर के साथ जुड़ा नही है।
- और अगर जीभ पर कोई चोट लगती है तो बहोत जल्द ही वह ठीक हो जाती है , दूसरे अंगो के मुकाबले।
- इन्सान के जीभ पर हजारो स्वादग्रंथिया होती है। जिसकी से हम स्वाद की परख कर पाते है।
- ज्यादातर प्राणिओ की जीभ स्वाद को परखने के लिए नही होतीं हे , पर वे जीभ का इस्तेमाल खोराक को गले मेसे निचे उतारने के लिए करते है।
इन्सानों में फिंगरप्रिंट की तरह हर व्यक्ति की जीभ की सतह की पैटर्न अलग-अलग होती है।
मानवो में हर दस दिनों में स्वादग्रंथियो का नाश होता है और नई स्वादग्रंथिओं का विकास होता है।
मगरमच्छ अपनी जीभ को बहार नही निकाल सकता।
![]() |
|
जिराफ अपनी जीभ को लम्बा करके अपने कान को साफ़ करता है।
![]() |
जिराफ की जीभ पर बाल होते है , जिसकी बजह से वो काँटों वाले पौधों को भी खा सकता है।
|
![]() |
गिरगिट की जीभ उसके अपने शरीर से भी लंबी होती है।
|
![]() |
चींटीखाऊ (ENTEATER) की जबान 2 फुट लंबी होती है। और उसकी जीभ एक मिनट में 180 से 200 बार मुँह के अंदर-बहार होती रहती है , और वो हजारो चीटियो को खा जाता है।
|
-------------------
Follow @1sciencevishal
Tweet
Tweet #1sciencevishal
No comments:
Post a Comment