तीन खतरनाक रसायन परिसर में भूजल (underground water) के साथ मिल गए है , जिससे परिसर का भूजल प्रदूषित हो गया है , और इसलिए स्कूल चाहता हे की "डो(Dow)" इसकी सफाई के लिए भुगतान करे।
अमेरिका में "वेस्ट वर्जिनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (WVSU)" , तीन खतरनाक रसायनो के साथ अपने कैंपस निचे भूजल को दूषित करने के लिए "डॉ (Dow) केमिकल(chemical)" के खिलाफ मुकदमा कर रहा है। यूनिवर्सिटी बाहरी विशेषज्ञों और "अमरीकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA)" द्वारा इस समझोते को स्वीकार किया हे की यह प्रदूषित पानी मानव स्वस्थ पर कोई असर नहीं करता क्योकि , "वेस्ट वर्जिनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (WVSU)" नगरपालिका के पानी का इस्तेमाल करता है , भूजल का नहीं। हालाँकि , "वेस्ट वर्जिनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (WVSU)" का कहना है की यह भूजल प्रदुषण उनके परिसर पर भविष्य में किये जाने वाले निर्माण कार्य को सिमित कर देगा और वे चाहते है की "डॉ (Dow)" आवश्यक सफाई के लिए भुगतान करे।
"डॉ (Dow)" ने सरकारी नियामकों (regulators) को स्वीकार किया है , की "वेस्ट वर्जिनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (WVSU)" के पास में दूषित
पदार्थो का स्त्रोत है। हालाँकि बायर(bayer) और सनोफी(sanofi) समेत आसपास के प्लान्ट(plants) में काम करने वाली कंपनीओ का नाम भी "वेस्ट वर्जिनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (WVSU)" के मुकदमे में रखा गया है।
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एंथोनी जेंकिन्स (anthony jenkins) |
और यह मुकदमा संपत्ति के नुकसान के बारे में है , किसी भी तत्त्काल स्वास्थ्य सम्बंधित चिंता का विषय नहीं है , "वेस्ट वर्जिनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (WVSU) के अध्यक्ष , एंथोनी जेंकिन्स (anthony jenkins) , ने कर्मचारीओ ओर छात्रो को एक पत्र में बताया की " भविष्य में ऐसी कोई असुरक्षितता(exposure) नहीं होगी और "डॉ (Dow)" को उनकी यूनिवर्सिटी की प्रदूषित जगह को पुनर्स्थापित करना होगा और सुरक्षात्मक उपायों के लिए भुगतान करना होगा और दूषित स्तरों की निगरानी के लिए पैसा देना होगा। "
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