अवकाश में संशोधन करने वाली प्रयोगशाला " इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन " (international space station) पर , उनकी संस्था नासा इस नए पौधे को भेजेगे । इस पौधे का विकास और वृद्धि स्वावलंबी होगी और उससे वहाँ के विज्ञानी अपनी खोराक की आवश्यकताओं को संतुस्ट कर पायेंगे।
नासा ने अवकाश मे बढ़ सकने वाले पौधों को विकसित किया है उसको इमेज में देखा जा सकता है। |
नासा ने विकसित की हुई यह वनस्पति अब ISS (international space station) पर पहले ही विकसित वनस्पति वेजी के साथ जुड़ जायेगी। यह छोड़ अवकाश केंद्र पे विकसित होने के लिये तैयार किया गया हे। और सिर्फ इतना ही नही उसके ऊपर 135 दिन सफल परीक्षण के बाद उसको भेजने का निर्णय लिया गया है। और वो सम्पूर्ण स्वावलम्बी है , एक बार खाद और पानी देकर पौधे को बोया जाता है ,बाद में उसे किसीभी प्रकार की देखभाल की जरूरत नही रहती है और उसकी वृद्धि होती रहती है।
NASA |
और तो और उसका आहार भी बहुत सरलता से शक्तिदायक औषध के तौर पे उपयोग में लिया जाता है। वैसा बयान नासा के अवकाश संशोधक ब्रायन ओनेटे ने दिया था।
ISS (international space station) पर विकसित वनस्पति को इमेज में देखा जा सकता है। |
यह वनस्पतिकी प्रथम ऐसी आवृति हे की जो, दूर अवकाश में वुद्धि करेंगी और खोराक में उपयोग में ली जा सकेगी। गोबी और राय के बिच के वर्ग की यह वनस्पति में दोनों के गुणधर्म है। जिसको " फोटोटाइप - 1 (PHOTOTYPE-1) " नाम दिया गया है। और उसको बढ़ने के लिए 18 चोरस इंच छोटीसी चैम्बर काफी होती है। जिसमे 2 इंच (INCH) में जड़ें और सिर्फ 16 इंच (INCH) में वह छोड़ बड़ा होगा। उसकी चैम्बर के साथ जुड़े हुए 180 सेन्सर उसके उष्णतापमान , ऑक्सीजन का प्रमाण , भेज का प्रमाण इत्यादि की माहिती देते रहेंगे।
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