यह लेन्स विकिरण , पानी के नुकसान से आंखोकी रक्षा करते है , और यहाँ तक की एक अभिन्न LED भी शामिल है।
"ग्रैफीन-कोटेड (graphene-coated)" कॉन्टैक्ट लेन्स, पहनने योग्य "EYE-इलेक्ट्रॉनिक्स" के युग में मदद कर सकता है।"ग्रैफीन-कोटेड (graphene-coated)" कॉन्टैक्ट लेन्स स्वास्थ्य पर नजर हे और विधुतचुम्बकीय विकिरण और नमी की हानिसे आंखोको सुरक्षा प्रदान करता है।
बॉयोनिक टेक्नोलॉजी (BIONIC TECHNOLOGY) जो की नाईट विज़न (NIGHT VISION)(रात्रि दॄष्टि) , और स्वास्थ्य निगरानी क्षमता के साथ हमारी आंखोको प्रस्तुत करती है , जोकि वैज्ञानिक कल्पना (SCIENCE FICTION) की तरह लगता है। लेकिन यह , स्मार्ट कॉन्टैक्ट लेन्स के लिये विकास के तहत वास्तविक अनुप्रयोगों मैसे कुछ है , और सही में धन्यवाद करना चाहिये ...... ,इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के "लघुकरण(MINIATURISIATION)" और "जैव -अनुकूलता (BIOCOMPATIBILITY)" को।
हालांकि , ऐसे सम्भावित उपकरणों का संचार(COMMUNICATION) और ऊर्जा (POWER) रेडियो तरंग (RADIO WAVES) से होगा ,जिससे आंखोके विस्तार में विधुतचुम्बकीय(ELECTROMAGNETIC RADIATION) विकिरण की बढ़ोतरी होगी। दक्षिण कोरिया के "सीओल नेशनल यूनिवर्सिटी(seoul national university)" में "ग्रैफीन-कोटेड (graphene-coated)" कॉन्टैक्ट लेन्स का उत्पादन करने वाले बयुंग ही होन्ग (byung hee hong) ने कहा की - "ग्रैफीन-कोटेड (graphene-coated)" कॉन्टैक्ट लेन्स के उत्पादन में विधुतचुम्बकीय रक्षण
महत्व का है क्योकि विधुतचुम्बकीय तरंग मोतियाबिंदु (cataracts) सहित आँखों के रोगों के लिए कारण भुत है। सिर्फ कॉन्टेक्ट लेन्स पहनने से भी "सुखी आँख (dry eye syndrome)" जैसी दर्दनाक परिस्थितियां पैदा हो सकती है , नमी के लिए वह एक अवरोधक सम्पत्ति को बनाते है।
चूंकि ग्रैफीन अद्वितीय विधुत और चुम्बकीय गुणों के साथ पारदर्शी और लचिले होते है , साथोसाथ रासायनिक और जैविक रूप से निष्क्रिय होते है। बयुंग ही होन्ग (byung hee hong) की टीम ने ग्रेफीन के साथ सामान्य कॉन्टेक्ट लेन्स को लेपित (coated) किया यह जानने के लिए की क्या यह आँखों को सुरक्षा प्रदान करता है। और ग्रैफीन कोटिंग के साथ और ग्रेफीन कोटिंग के बिना इन दोनो लेन्सिस को कच्चे अंडे के सफेद हिस्से पे रखा गया जिसमे आंतरिक आंख की तरह संरचना होती है। जब इन अंडो को माइक्रोवेव ओवन (microwave owan) मैं 50 सेकंड्स के लिए 120 W पर पकाया गया जोकि 4G और ब्लूटूथ (BLUETOOTH) की तरंग की समान है तो , देखा गया की - सामान्य कॉन्टैक्ट लेन्स पूरी तरह पक गया था, जबकि ग्रेफीन लेयर वाला ग्रेफीन लेन्स ने विधुत चुम्बकीय ऊर्जा को अवशोषित और नष्ट करने से नुकसान कम कर दिया था।
बयुंग ही होन्ग (byung hee hong) इस बारे में कहते है की ,- "हमने कल्पना भी नही की थी की ग्रेफीन लेयर वाला ग्रेफीन लेन्स वाला अंडा सफेद एक माइक्रोवेव ओवन (microwave owan) के मजबूत विधुतचुम्बकीय विकिरण से बचेंगा।" "यह सचमुच आश्चर्य की बात हे की परमाणु की मोटी परत ऐसे नाटकीय अंतर पैदा कर सकती है। "
टीम ने एक ग्रेफीन लेन्स के साथ आच्छादित एक शीशी में पानी था उसकी भी निगरानी की , तो पानी के नुकसान में 30 % की गिरावट दर्ज की गयी। और आखिरी एक्सपेरिमेंट (EXPERIMENT) में टीम ने लेन्स के साथ LED को भी शामिल किया था।
LED एक्सपेरिमेंट (EXPERIMENT) को देखा जा सकता है इलेक्ट्रोड के कॉन्टेक्ट में आतेही लेन्स के ऊपर लगी LED प्रकाशित हो रही है। |
शोधकर्ता अब एक कॉन्टैक्ट लेन्स कंपनी के सहियोग से टेक्नोलॉजी विकसित रहे हे और वे अपने स्वतंत्रसेनानीओ (VOLUNTEERS) के साथ परीक्षण की भी योजना बना रहे है। बयुंग ही होन्ग (byung hee hong) ने कहा की - " मुझे विश्वास है की ग्रेफीन कॉन्टेक्ट लेन्स (GRAPHENE CONTACT LENS ) व्यावसायिक रूप से एक या दो वर्षों में उपलब्ध होगा। और इसके आलावा हम डायाबिटिस निदान के लिए आँसू में ग्लूकोज का प्रमाण रियल -टाइम वायरलेस (REALTIME WIRELESS) या कॉलोरीमीट्रिक (COLORIMETRIC) मोनिटरिंग (MONITORING) के लिए ग्रेफीन आधारित सेन्सर और इलेक्ट्रोड के साथ एक सक्रिय सर्किट को जोड़ने की योजना बना रहे है।
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